''है भव्य भारत ही हमारी मात्रभूमि हरी-भरी,
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा और लिपि है नागरी.''
-श्री मैथली शरण गुप्त जी
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हिंदी साहित्य पहेली का url http://shalinishikha.blogspot.com है-
शालिनी कौशिक
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